तुम्हारे पास सिगरेट थी मेरे पास सूरज दोनों ही सप्तपदी में शामिल न थे फिर ऐसा क्यों हुआ जब मैंने सूरज धो पोंछ चमका कर फलक पर रखा धरती गाढ़े धुएँ से भर गई क्या तुम्हारी सिगरेट मेरे सूरज से जलती थी ?
हिंदी समय में लीना मल्होत्रा राव की रचनाएँ